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एक था बचपन, एक था बचपन एक था बचपन, एक था बचपन छोटा सा, नन्हा सा बचपन एक था बचपन बचपन के एक बाबुजी थे अच्छे-सच्चे बाबुजी थे दोनों का सुंदर था बँधन एक था बचपन टहनी पर चढ़के जब फूल बुलाते थे हाथ उसके तो टहनी तक ना जाते थे बचपन के नन्हें दो हाथ उठाकर वो फूलों से हाथ मिलाते थे एक था बचपन, एक था बचपन चलते-चलते... चलते-चलते जाने कब इन राहों में बाबुजी बस गए बचपन की बाँहों में मुट्ठी में बंद हैं वो सूखे फूल अभी ख़ुशबू है जीने की चाहों में एक था बचपन, एक था बचपन होंठों पर उनकी आवाज़ भी है मेरे होंठों पर उनकी आवाज़ भी है साँसों में सौंपा विश्वास भी है जाने किस मोड़ पे कब मिल जाएँगे वो पूछेंगे, "बचपन का एहसास भी है?" एक था बचपन, एक था बचपन छोटा सा, नन्हा सा बचपन एक था बचपन
Writer(s): Gulzar, Vasant Shantaram Desai Lyrics powered by www.musixmatch.com
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