Lyrics
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
जो बात कर ले...
जो बात कर ले तो बुझते चिराग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
कहो, बुझे कि जले?
हम अपनी राह चले या तुम्हारी राह चले?
कहो, बुझे कि जले?
बुझें तो ऐसे कि जैसे किसी ग़रीब का दिल
किसी ग़रीब का दिल
जलें तो ऐसे कि जैसे चिराग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
ये खोई-खोई नज़र
कभी तो होगी इधर या सदा रहेगी उधर?
ये खोई-खोई नज़र
उधर तो एक सुलगता हुआ है वीराना
है एक वीराना
मगर इधर तो बहारों में बाग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
जो अश्क पी भी लिए
जो होंठ सी भी लिए तो सितम ये किस पे किए?
जो अश्क पी भी लिए
कुछ आज अपनी सुनाओ, कुछ आज मेरी सुनो
कुछ आज मेरी सुनो
ख़ामोशियों से तो दिल और दिमाग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
जो बात कर ले तो बुझते चिराग़ जलते हैं
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं
Writer(s): Madan Mohan, Rajendra Krishan
Lyrics powered by www.musixmatch.com