Music Video
Featured In
ALBUMMere Prabhu Veer Hanuman - EPKumar Vishu
Top Songs By Kumar Vishu
Similar Songs
Credits
PERFORMING ARTISTS
Damodar Rao
Performer
Kumar Vishu
Performer
Rakesh Kaala
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Damodar Rao
Songwriter
Lyrics
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि
बरनऊं रघुबर बिमल जस, जो दायकु फल चारि
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुं लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा
महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुण्डल कुंचित केसा
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै
कांधे मूँज जनेउ साजे
शंकर सुवन केसरीनंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन
बिद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर संहारे
रामचंद्र के काज संवारे
लाय सजीवन लखन जियाये
श्री रघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेश्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानु
लील्यो ताहि मधुर फल जानू
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते
राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहू को डर ना
आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हांक तें कांपै
भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै
नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै
सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै
चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु-संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा
तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम-जनम के दुख बिसरावै
अन्तकाल रघुबर पुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई
और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई
संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होए सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप
Writer(s): Ravindra Jain
Lyrics powered by www.musixmatch.com