Lyrics
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
इतनी महँगाई कि बाज़ार से कुछ लाता हूँ
इतनी महँगाई कि बाज़ार से कुछ लाता हूँ
अपने बच्चों में उसे बाँट के शरमाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपनी नींदों का लहू पोंछने की कोशिश में
अपनी नींदों का लहू पोंछने की कोशिश में
जागते-जागते थक जाता हूँ, सो जाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
कोई चादर समझ के खींच ना ले फिर से, ख़लील
कोई चादर समझ के खींच ना ले फिर से, ख़लील
मैं कफ़न ओढ़ के footpath पे सो जाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूँ
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
Writer(s): Khaleel Dhantejvi, Jagjit Singh
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