मेरे नैना सावन-भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
मेरे नैना सावन-भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
बात पुरानी है, एक कहानी है, हो
बात पुरानी है
अब सोचूँ तुम्हें याद नहीं है
अब सोचूँ नहीं भूले, वो सावन के झूले
अब सोचूँ तुम्हें याद नहीं है
अब सोचूँ नहीं भूले, वो सावन के झूले
रुत आए, रुत जाए दे के झूठा एक दिलासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
बरसों बीत गए, हमको मिले, बिछड़े
बिजुरी बनकर गगन पे चमकी बीते समय की रेखा
मैंने तुमको देखा
तड़प-तड़प के इस बिरहम को आया चैन ज़रासा
फिर भी मेरा मन प्यासा
घूँघरू की छम-छम बन गई दिल का ग़म
डूब गया दिल यादों में, उबरी बेरंग लकीरें
देखो ये तस्वीरें
सूने महल में नाच रही है अब तक एक रक्ता सा
फिर भी मेरा मन प्यासा
मेरे नैना सावन-भादों
फिर भी मेरा मन प्यासा
फिर भी मेरा मन प्यासा