Lyrics

दिल ग़म से जल रहा है, जले, पर धुआँ ना हो दिल ग़म से जल रहा है, जले, पर धुआँ ना हो मुमकिन है इसके बाद कोई इम्तिहाँ ना हो कोई इम्तिहाँ ना हो मुमकिन है इसके बाद कोई इम्तिहाँ ना हो कोई इम्तिहाँ ना हो दुनिया तो क्या ख़ुदा से भी घबरा के कह दिया दुनिया तो क्या ख़ुदा से भी घबरा के कह दिया घबरा के कह दिया वो मेहरबाँ नहीं तो कोई मेहरबाँ ना हो कोई मेहरबाँ ना हो दिल ग़म से जल रहा है, जले, पर धुआँ ना हो अब तो वहीं सुकूँ मिलेगा मुझे, जहाँ अब तो वहीं सुकूँ मिलेगा मुझे, जहाँ मिलेगा मुझे, जहाँ ये संग-दिल ज़मीं ना हो, आसमाँ ना हो ज़मीं-आसमाँ ना हो दिल ग़म से जल रहा है, जले, पर धुआँ ना हो
Writer(s): Kaifi Azmi, Ghulam Mohammed Lyrics powered by www.musixmatch.com
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