Lyrics

देखो, मैंने देखा है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) कितना हसीन है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है, तू कहाँ है? मैं आया, आया, आया, आया (आया) यहाँ तेरा-मेरा नाम लिखा है रस्ता नहीं ये आम, लिखा है हो, ये है दरवाज़ा, जहाँ तू खड़ी है अंदर आ जाओ, सर्दी बड़ी है यहाँ से नज़ारा देखो पर्बतों का झाँकूँ मैं कहाँ से? कहाँ है झरोखा? ये यहाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) कितना हसीन है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है, तू कहाँ है? मैं आया, आया, आया, आया (आजा) अच्छा ये बताओ, कहाँ पे है पानी? बाहर बह रहा है झरना, दीवानी बिजली नहीं है, यही इक ग़म है तेरी बिंदिया क्या बिजली से कम है? छोड़ो, मत छेड़ो, बाज़ार जाओ जाता हूँ, जाऊँगा, पहले यहाँ आओ शाम जवाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) देखो, मैंने देखा है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) कैसी प्यारी है ये छोटी सी रसोई? हो, हम दोनों हैं बस, दूजा नहीं कोई इस कमरे में होंगी मीठी बातें उस कमरे में गुज़रेंगी रातें ये तो बोलो, होगी कहाँ पे लड़ाई? मैंने वो जगह ही नहीं बनाई प्यार यहाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) कितना हसीन है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है (तू कहाँ है?) मैं आई, आई, आई, आई (आजा) देखो, मैंने देखा है ये एक सपना फूलों के शहर में है घर अपना क्या समाँ है, तू कहाँ है? मैं आई, आई, आई, आई (आजा) मैं आई, आई, आई, आई (आजा) मैं आई, आई, आई, आई (आजा) मैं आई, आई, आई, आई (आजा)
Writer(s): Anand Bakshi, Rahul Dev Burman Lyrics powered by www.musixmatch.com
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