Στίχοι
[Verse 1]
आवारा हूं आवारा हूं
या गर्दिश में हूं आसमान का तारा हूं
आवारा हूं आवारा हूं
या गर्दिश में हूं आसमान का तारा हूं
आवारा हूं
[Verse 2]
घर बार नहीं संसार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं मुझसे किसी को प्यार नहीं
उस पार किसी से मिलने का इकरार नहीं
मुझसे किसी को प्यार नहीं मुझसे किसी को प्यार नहीं
[Verse 3]
सुनसान नगर अनजान डगर का प्यारा हूं
आवारा हूं आवारा हूं
या गर्दिश में हूं आसमान का तारा हूं
आवारा हूं
[Verse 4]
आबाद नहीं बर्बाद सही
गाता हूं खुशी के गीत मगर
गाता हूं खुशी के गीत मगर
जख्मों से भरा सीना है मेरा
हँसती है मगर ये मस्त नज़र
[Verse 5]
दुनिया
दुनिया मैं तेरे तीर का या तक़दीर का मारा हूं
आवारा हूं आवारा हूं
या गर्दिश में हूं आसमान का तारा हूं
आवारा हूं आवारा हूं आवारा हूं
Written by: Shailendra, Shankar - Jaikishan


