Credits
PERFORMING ARTISTS
Sunitha Sarathy
Performer
Shankar Mahadevan
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Javed Akhtar
Lyrics
Lyrics
कोई जाने ना ये कैसी आग है
मेरे दिल को डँसता ये कैसा नाग है?
हर घड़ी मैं जिसको ढूँढूँ
बच के ना जाएगा
हाँ, कहीं ना कहीं तो एक दिन
मुझे मिल ही जाएगा
दुश्मन मेरा
मुझे ढूँढना आसान है कहाँ
ज़मीं देख लो या आसमाँ
मैं एक पल यहाँ, मैं एक पल हूँ वहाँ
नहीं पाओगे मेरा निशाँ
जो कोई भी मुझ को ढूँढे
वो कुछ ना पाएगा
दिल में ही वो दिल के अरमाँ
वापस ले जाएगा, समझे ज़रा
दुश्मन मेरा
इन आँखों में है जाने कैसी ज्वाला
इसको मत बुझने देना, सुन लो मेरा कहना
गुस्से में कितनी तुम दिलकश लगती हो
जब तक भी रह पाओ तुम, गुस्से में ही रहना
मेरा गुस्सा तो देखोगे एक दिन
मेरे दिल में क्या है जानोगे एक दिन
तुम से मैं इतना कह दूँ
वो दिन जब आएगा
दिल में ही वो दिल के अरमाँ
वापस ले जाएगा, समझे ज़रा
दुश्मन मेरा
Written by: Javed Akhtar, Shankar-Ehsaan-Loy