Credits
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Chitragupta
Composer
Majrooh Sultanpuri
Songwriter
Lyrics
चाँद कितनी दूर था, सितारे कितनी दूर थे
तुम जो आ गए तो सब क़रीब आ गए
चाँद कितनी दूर था, सितारे कितनी दूर थे
तुम जो आ गए तो सब क़रीब आ गए
तुम्हारा हाथ रात पे हिना का रंग मल गया
तुम्हारा हाथ रात पे हिना का रंग मल गया
हमारे दिल के ताक में चराग़-ए-शौक़ जल गया
दो बदन के साए अंजुमन सजा गए
चाँद कितनी दूर था, सितारे कितनी दूर थे
तुम जो आ गए तो, सब क़रीब आ गए
दुल्हन बनी हुई खड़ी हो तुम लिबास-ए-नूर में
दुल्हन बनी हुई खड़ी हो तुम लिबास-ए-नूर में
कि सर झुका रही है चाँदनी मेरे हुज़ूर में
आस-पास कितने ख़्वाब झिलमिला गए
चाँद कितनी दूर था, सितारे कितनी दूर थे
तुम जो आ गए तो, सब क़रीब आ गए
बुझा दो प्यास प्यार की, लबों से कुछ तो बोल दो
बुझा दो प्यास प्यार की, लबों से कुछ तो बोल दो
बस एक नींद सो सकूँ, ये ज़ुल्फ़-ए-नाज़ खोल दो
थाम लो हमें कि हम तो डगमगा गए
चाँद कितनी दूर था, सितारे कितनी दूर थे
तुम जो आ गए तो सब क़रीब आ गए
Written by: Chitragupta, Majrooh Sultanpuri

