Lyrics
आने से उस के आए बहार
जाने से उस के जाए बहार
बड़ी मस्तानी है, मेरी महबूबा
मेरी ज़िंदगानी है, मेरी महबूबा
इस घटा को मैं तो उस की आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो उस का लहराता आँचल कहूँगा
कलियों का बचपन है
फ़ूलों की जवानी है, मेरी महबूबा
मेरी ज़िंदगानी है, मेरी महबूबा
बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें
हम ना जाने क्या-क्या करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोड़ा दीवाना
थोड़ी सी दीवानी है, मेरी महबूबा
मेरी ज़िंदगानी है, मेरी महबूबा
सामने मैं सब के नाम उस का नहीं ले सकूँगा
सामने मैं सब के नाम उस का नहीं ले सकूँगा
वो शरम के मारे रूठ जाए तो मैं क्या करूँगा?
हूरों की मलिका है
परियों की रानी है, मेरी महबूबा
मेरी ज़िंदगानी है, मेरी महबूबा
बड़ी मस्तानी है, मेरी महबूबा
Writer(s): Laxmikant-pyarelal, Anand Bakshi
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