Credits
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Husnlal Bhagatram
Composer
Qamar Jalalabadi
Songwriter
Lyrics
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
ये दुनिया है खेल हरि का
ये दुनिया है खेल हरि का
दुख भी उसी का, सुख भी उसी का
दुख भी उसी का, सुख भी उसी का
दुख भी मिले तो हँस-हँस सहना
दुख भी मिले तो हँस-हँस सहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
प्रभु इच्छा पीठ झुका ले
प्रभु इच्छा पीठ झुका ले
अग्नि को भी गले लगा ले
अग्नि को भी गले लगा ले
क्यूँ चाहे फूलों में रहना?
क्यूँ चाहे फूलों में रहना?
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जग में प्राची प्रीत यही है
जग में प्राची प्रीत यही है
प्रभु प्रेम की रीत ही है
प्रभु प्रेम की रीत ही है
सब कुछ सहना, कुछ ना कहना
सब कुछ सहना, कुछ ना कहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जिस रंग राखे प्रभु, उसी रंग रहना
प्राणी, उसी रंग रहना
जय नारायण, भज नारायण
जय नारायण, भज नारायण
जय नारायण, भज नारायण
जय नारायण, भज नारायण
Written by: Husnlal Bhagatram, Qamar Jalalabadi