Credits
PERFORMING ARTISTS
Mukesh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Usha Khanna
Composer
Kamal Joshi
Composer
Asad Bhopali
Songwriter
Lyrics
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
अब ये शीशा किसी तस्वीर के क़ाबिल ही नहीं
मैं कहाँ जाऊँ कि मेरी कोई मंज़िल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
फेर ली मुझसे नज़र, अपनो ने, बेगानो ने
फेर ली मुझसे नज़र, अपनो ने, बेगानो ने
मेरा घर लूटा मेरे घर के ही मेहमानों ने
मेरा घर लूटा मेरे घर के ही मेहमानों ने
जो मुझे प्यार करे, ऐसा कोई दिल ही नहीं
मैं कहाँ जाऊँ कि मेरी कोई मंज़िल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
दिल बहल जाए, ख़यालात का रुख़ मोड़ सकूँ
दिल बहल जाए, ख़यालात का रुख़ मोड़ सकूँ
मैं जहाँ बैठ के हर अहद-ए-वफ़ा तोड़ सकूँ
मैं जहाँ बैठ के हर अहद-ए-वफ़ा तोड़ सकूँ
मेरी तक़दीर में ऐसी कोई महफ़िल ही नहीं
मैं कहाँ जाऊँ कि मेरी कोई मंज़िल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
दो जहाँ सोग में हैं, आज़ फ़िज़ा भी चुप है
दो जहाँ सोग में हैं, आज़ फ़िज़ा भी चुप है
किस से फ़रियाद करूँ, अब तो ख़ुदा भी चुप है
किस से फ़रियाद करूँ, अब तो ख़ुदा भी चुप है
ये वो अफ़साना है जो सुनने के क़ाबिल ही नहीं
मैं कहाँ जाऊँ कि मेरी कोई मंज़िल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
अब ये शीशा किसी तस्वीर के क़ाबिल ही नहीं
मैं कहाँ जाऊँ कि मेरी कोई मंज़िल ही नहीं
नाज़ था जिसपे, मेरे सीने में वो दिल ही नहीं
Written by: Asad Bhopali, Kamal Joshi, Usha Khanna

