Lyrics

सर पे आधा-पौना छप्पर है तो क्या? घर पे खुले-आम आती है हवा सीली-सीली, गीली शक्कर है तो क्या? रुकना मीठी चाय का मज़ा देव भूमि की ये माया भूल जाते सब क्या खोया, क्या पाया? आधा भी ज़्यादा है यहाँ जीना बड़ा सादा है यहाँ खुश रहना आसाँ है यहाँ आधा भी ज़्यादा है यहाँ झूठी, बाकी की दुनिया सारी झूठी सच्ची यहाँ की जड़ी-बूटी भोले की बोलो जय खाली जब पर कोई ना उदास देवों का यहाँ है वास रे कोई ना फिक्रें आस-पास यहाँ साथ में बहती बिआस ओह, सुन ले बंदे पहाड़ी सच्चे बंधु, आ के पहाड़ों में रम तू गूँजे हवाओ में डमरू भोले की बोलो हो जय (जय भोले) आधा भी ज़्यादा है यहाँ जीना बड़ा सादा है यहाँ खुश रहना आसाँ है यहाँ आधा भी ज़्यादा है यहाँ
Writer(s): Sachet Tandon, Parampara Thakur, Siddharth Siddharth, Garima Garima Lyrics powered by www.musixmatch.com
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