Lyrics

सुनो, गिला बेरुख़ी का करेंगे तुमसे फ़ुर्सत में कभी पर अर्ज़ी ये भी है ख़ुदा से कि कभी वक़्त ना मिले दो मोड़ हैं रास्तों के यहाँ से सोच लो, तुमको जाना है कहाँ इक और मैं हूँ, इक तरफ़ ख़्वाब तेरे तुम सुना दो जो भी है फ़ैसला जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा आज तक थी ज़िंदगी तेरे लिए मेरी कल अगर माँगोगे तो इक शाम ना दूँगा जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा देके मुझको दर्द कैसे मुस्कुराते हो इतनी बेशर्मी कहाँ से, यार, लाते हो? जो मोहब्बत तुमने सीखी है यहाँ मुझसे प्यार वो औरों पे कैसे आज़माते हो? जब तलक मैं ख़ुद को पहले सा बना ना लूँ है मुझे दिल की क़सम, आराम ना लूँगा जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा सामने होकर भी मेरे दो जगह हो तुम जानता है दिल तुम्हारा, बेवफ़ा हो तुम सच कहूँ तो ना किया है जो गुनाह मैंने उम्र-भर सहता रहूँगा वो सज़ा हो तुम ना दिखाऊँगा तुम्हें मैं मेरा ये चेहरा अब किसी का हाथ जब तक थाम ना लूँगा जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा आज तक थी ज़िंदगी तेरे लिए मेरी कल अगर माँगोगे तो इक शाम ना दूँगा जा रहे हो दूर, लेकिन याद तुम रखना ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा ख़्वाब तक में भी तुम्हारा नाम ना लूँगा सही दिल दुखाया था अनजाने में मुझे मशहूर कर दिया ज़माने में
Writer(s): Kunaal Vermaa Lyrics powered by www.musixmatch.com
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