Lyrics

आवारा हूँ, आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ, आसमान का तारा हूँ आवारा हूँ, आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ, आसमान का तारा हूँ आवारा हूँ (आवारा हूँ) घर-बार नहीं, संसार नहीं मुझ से किसी को प्यार नहीं मुझ से किसी को प्यार नहीं उस पार किसी से मिलने का इक़रार नहीं मुझ से किसी को प्यार नहीं मुझ से किसी को प्यार नहीं सुनसान नगर, अनजान डगर का प्यारा हूँ आवारा हूँ, आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ, आसमान का तारा हूँ आवारा हूँ आबाद नहीं, बर्बाद सही गाता हूँ ख़ुशी के गीत मगर गाता हूँ ख़ुशी के गीत मगर ज़ख़्मों से भरा सीना है मेरा हँसती है मगर ये मस्त नज़र दुनिया... दुनिया, मैं तेरे तीर का या तक़दीर का मारा हूँ आवारा हूँ, आवारा हूँ या गर्दिश में हूँ, आसमान का तारा हूँ आवारा हूँ, आवारा हूँ, आवारा हूँ
Writer(s): Shailendra, Jaikshan Shankar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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