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Credits

PERFORMING ARTISTS
Farhan Khan
Farhan Khan
Performer
Mr. Doss
Mr. Doss
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Farhan Khan
Farhan Khan
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Mr. Doss
Mr. Doss
Producer

Lyrics

सीने से सांसें ना निकले
पाहुंचा दे धुआं ताकी निकले वो बहार
धुएँ से सब कर देते धुँधला
है डर, ना वो पढ़ ले ये चेहरे का हाल
ना लगती अब भूख पर खा लेते खाना
बहाना है पीने का खाने के बाद
हम मरते हर वक़्त
बस पीने के वक्त हम थोड़ा सा जी लेते थे साहब
वो कहते हैं "मोहब्बत वही जिसमें आशिक बिछड़ जाते हैं
रहते ना साथ"
और मेरी मोहब्बत का हाल की होठों से छूते ही हो जाति राख
माचिस की तीली को छू लू तो जल जाती हो जाती है मुझसे नाराज
फिर चुम के समझता मर जाता कब का
पर तेरी तलाब तो बचा ली है सांसें
अब मुझको बस तेरा है साथ
बेवफा तू भी ना बन जाना यार
माना कि जब भी हम मिले मैं छोटा हूं तुझको
पर पाकीजा है मेरा प्यार
हां तुझसे ही मिलता सुकून
वर्ना ख़तम होती कैसी ये रात?
कैसे भुलाता मैं लैला को
जब तक बुलाती ना तेरे तू मुझको यूं पास
अब मेरे कमीज़ों से तेरे बदन कीये खुशबू
ना घर को पसंद
पर कैसे बताओ कि उंगली को तू ना पकड़ती है
तो चल पाते हरगिज़ ना हम
हां कैसे निकलते हम खुद के ख्यालों से
फ़स जाते मर जाते हम
जो तू ना चमकती अँधेरों में जल के
तो खुद के ही सायों से डर जाते हैं
तो होना नहीं मुझसे यूं दूर
तेरे लिए तोधी हैं सारी है क़समें
मारा है लैला ने
पर ले लेता सांस जब लेता हूं कश में
लैला थी बस खाली दिल में
तू मेरे खून में तू मेरी नस्स में
कहते हैं मरने के बाद भी जिंदगी
होना दफ़न साथ मेरी क़बर में
धूएं के बना के बादल
सो रहे लपेटे बादलों की चादर
जला रहे हैं खुद को हो चुके हैं पागल
अब जिंदगी है cigarette (Cigarette)
धूएं के बना के बादल
सो रहे लपेटे बादलों की चादर
जला राहे खुद को हो चुके हैं पागल
अब जिंदगी है cigarette (Cigarette)
पढ़ता है चुप-चुप के मिलना
"ये रिश्ते ना-जायज़ है" कहते हैं लोग
कहते की मजनूं को पत्थर पढ़े हैं
अब डर पे ख़रीदे ये पैसे से मौत
पर कैसे ख़रीदे मोहब्बत को कोई?
पैसे नहीं यहाँ नज़राना दोस्त
तो लैला के जाते ही मर गया मजनूं
मैं जल रहा हूँ मुझ को तू परवाना बोल
और धुआं ये सांसों की माला है
संभालू की हाथों से छूटे ना
मैं पल में बिखर जाऊंगा
तो डर है कि माला ये गलती से टूटे ना
जो टूटेगी माला अगर
तो मरने के बाद खुदा मुझसे पूछेगा
“बंदे बता तेरी क्या है रज़ा?”
मैं हंस के कहूँगा "ये बंदा बस फूटेगा"
न जन्नति चाहता लिबास
ना हूरें, ना पीने में चाहता है शराब
है नफ़रत शराब से
बहकती मुझको ले जाती है लैला की गलियों के पास
तो खाली है धुआं
ये ऐसा है रखता दबा के जो सीने में राज़
वर्ना ये कम्बख्त पैमाना ऐसा
कि झूठा बना दे ये पीने के बाद
और चोर दो मेरे तुम हाल पे
कोई ना आके भी मुझको सलाह दो
जो इतनी है मेरी फ़िकर
तो आ के खाली मेरा सुट्टा जला दो
वो बहुत है मेरे लिए
ये जिंदगी मौत है मेरे लिए
ना मौत का डर
बस जो बची सांसें वो सांसें भी जोध ली तेरे लिए
तो होना नहीं मुझसे यूं दूर
तेरे लिए तोधी हैं सारी है क़समें
मारा है लैला ने
पर ले लेता सांस जब लेता हूं कश में
लैला थी बस खाली दिल में
तू मेरे खून में तू मेरी नस्स में
कहते हैं मरने के बाद भी जिंदगी
होना दफ़न साथ मेरी क़बर में
धूएं के बना के बादल
सो रहे लपेटे बादलों की चादर
जला रहे हैं खुद को हो चुके हैं पागल
अब जिंदगी है cigarette (Cigarette)
धूएं के बना के बादल
सो रहे लपेटे बादलों की चादर
जला राहे खुद को हो चुके हैं पागल
अब जिंदगी है cigarette (Cigarette)
धूएं के बना के बादल
सो रहे लपेटे बादलों की चादर
जला रहे हैं खुद को हो चुके हैं पागल
अब जिंदगी है cigarette
Written by: Archita Deb Sinha, Aryendra Khan, Farhan Khan
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