Credits
PERFORMING ARTISTS
Nihar Shembekar
Lead Vocals
Sumit Tambe
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sumit Tambe
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
Nihar Shembekar
Producer
Lyrics
गंगाजी से अमृत निकले
पहुंचे हरि के द्वार
बारा बरस की तृष्णा लेकर
भक्त करे इंतेज़ार
तब कुंभ लगे इस भूमि पर
करने हर बेड़ा पार
भक्तों का जमघट ऐसे लगे
हो सागर से भी विशाल
बिछड़े है लोग यहां कहते सभी
हम पा ले हरि का साथ
इस निर्मल भक्ति की गंगा में
अब तैरत रहे दिन रात
सब साधु संत यहां मिलते है
भक्ति का जागर करते है
देखो इस पावन मेले में
सब सुख की घागर भरते है
भारत भूमि पर ये कुंभ सजे
इसका हमको अभिमान है
कुंभ का आरंभ है
उत्सव का प्रारंभ है
हर हर गंगे
गंगाजी के घाट पे उमड़े
श्रद्धा की सोहम धारा
जो हर की पौड़ी में डूबा
वो पाप दुख सब हारा
हर एक अखाड़ा समझावे
जीवन का सारा सार
शिवजी की राख लगे है तन पर
क्या काल करेगा प्रहार
हर गंगे का ललकारा है
खुशियों में मन मगन हमारा है
खाली जीवन का कुंभ लाए थे
तृप्ति से भरा अब सारा है
Written by: Sumit Tambe