Créditos
Artistas intérpretes
Sukhwinder Singh
Voces
Raftaar
Voces
COMPOSICIÓN Y LETRA
Julius Packiam
Composición
Irshad Kamil
Letra
Shekhar Ravjiani
Composición
Vishal Dadlani
Composición
Producción e ingeniería
Donal Whelan
Masterización
Vijay Dayal
Ingeniería de mezcla
Letra
[Verse 1]
सेहरा साहिल जंगल बस्ती बाग वो
शोला शोला जलता चिराग वो
हो पर्वत पानी आँधी अंबर आग वो
शोला शोला जलता चिराग वो
[Verse 2]
हर काली रात से लड़ता है वो
जलता और निखरता है
आगे ही आगे बढ़ता
जब तक ज़िंदा है
[Verse 3]
कहीं पर तूफान अभी ज़िंदा है
जज़्बों में जान अभी ज़िंदा है
सागर खामोशी में भी
सागर ही रहता है
लहरों से कहता है
वह ज़िंदा है
[Verse 4]
भीतर तूफ़ान अभी ज़िंदा है
जज़्बों में जान अभी ज़िंदा है
[Verse 5]
रातों के साये में है वो छुपा
दुश्मन ना देखेगा कल की सुबह
कहां से आया वो कहां है जाता
ना मुझको पता है ना तुझको पता
हाँ वो निहत्था ही शत्रु को करता निरस्त
भेष बदलता वह जैसे हो वस्त्र
जड़ से उखाड़ेगा भीतर से मारेगा
उसका इरादा है ब्रह्मा का अस्त्र
वो ज्ञानी है (है स्वाभिमानी वही)
तू जानता उसकी कहानी नहीं
ज़िंदा है ज़िंदा रहेगा
वह जब तक कि मरने की उसने ही ठानी नहीं
[Verse 6]
ग़ैरत गुस्सा चाहत और मलाल वो
(ज़िद्दी ज़िद्दी ज़िद्दी ख्याल वो)
है जंग भी है वो हमला भी और जाल वो
(ज़िद्दी ज़िद्दी ज़िद्दी ख्याल वो)
[Verse 7]
शोलों कि आँख में (रहता है)
हर सचि बात वो (कहता है)
लावा सा रगों में बहता है
वो (जब तक ज़िंदा है)
[Verse 8]
भीतर तूफान अभी ज़िंदा है
जज़्बों में जान अभी ज़िंदा है
सागर खामोशी में भी
सागर ही रहता है
लहरों से कहता है
वह ज़िंदा है
[Verse 9]
भीतर तूफान अभी ज़िंदा है
जज़्बों में जान अभी ज़िंदा है
Written by: Irshad Kamil, Julius Packiam, Shekhar Ravjiani, Vishal Dadlani

