Créditos
Artistas intérpretes
Shashwat Sachdev
Voces
Prateek Kuhad
Voces
COMPOSICIÓN Y LETRA
Shashwat Sachdev
Composición
Producción e ingeniería
Shashwat Sachdev
Producción
Hanish Taneja
Ingeniería de mezcla
Letra
सुरमई आँखें तेरी उठकर जो गिरी
बहती फिज़ा, चलते नज़ारे सब रुक गए
तारों के मोगरे बरसे छत पे मेरे
जो बादलों के टोकरे हैं
झुक गई
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
कभी-कभी (hmm-umm) शाम जलती है
कभी-कभी (hmm-umm) दिन बुझता है
कभी-कभी बात बनती है
कभी-कभी सब उलझता है
आसमाँ था पतंग, चाँदनी थी डोर
देखों लुट गया है ये और तू है चोर
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं...
सुरमई आँखें तेरी उठकर जो गिरी
बहती फिज़ा, चलते नज़ारे सब रुक गए
तारों के मोगरे बरसे छत पे मेरे
जो बादलों के टोकरे हैं
झुक गई
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
कैसी जादूगरी फूँकी तुमने हैं, है ना बोलों ना
Written by: Shashwat Sachdev

