Crédits
INTERPRÉTATION
Mohammed Rafi
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Chitragupta
Paroles/Composition
Rajendra Krishan
Paroles/Composition
Paroles
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
मुखड़ा तेरा साहू जैसे, मानवा तेरा लुटेरा (वाह-वाह, आहा)
मुखड़ा तेरा साहू जैसे, मानवा तेरा लुटेरा
दया-धरम की गली कभी ना डाला तूने फेरा
वो ही बग़ीचा लूटा तूने...
वो ही बग़ीचा लूटा तूने, था तू जिसका माली
रे, काहे रपट करे कोतवाली?
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
पेड़ लगाया पाप का, माँगे बदले में नारंगी (वाह, भाई, वाह, आ-हा, haha)
पेड़ लगाया पाप का, माँगे बदले में नारंगी
अरे, लाख छुपाए रेशम से तन, काया तेरी नंगी
भरी रहेगी तेरी तिजोरी...
भरी रहेगी तेरी तिजोरी, हाथ रहेंगे ख़ाली
रे, काहे रपट करे कोतवाली?
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
तू समझे, तू बड़ा सयाना, मैं समझूँ दीवाना
तू समझे, तू बड़ा सयाना, मैं समझूँ दीवाना
सच्चे थानेदार को तूने अब तक ना पहचाना
जिस पर बैठा है तू मूरख...
जिस पर बैठा है तू मूरख, काट रहा वो ही डाली
रे, काहे रपट करे कोतवाली?
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
तू आप है अपना चोर
काहे रपट करे कोतवाली?
Written by: Chitragupta, Rajendra Krishan

