Crédits
INTERPRÉTATION
Mohammed Rafi
Interprète
COMPOSITION ET PAROLES
Chitragupta
Composition
Rajendra Krishan
Paroles/Composition
Paroles
ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग
कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
सब अपनी उड़ाएँ, ये जान ना पाए
कब किसकी चढ़े, किसकी कट जाए
ये है किसको पता, रुख़ बदले हवा
और डोर इधर से उधर हट जाए
हो वो डोर या कमान, या ज़मीन-आसमान
कोई जाने ना बनाने वाला कौन है
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
उड़े अकड़-अकड़ धन वालों की पतंग
सदा देखा है ग़रीब से ही पेंच लड़ें
है ग़रूर का, हुज़ूर, सर नीचा सदा
जो भी जितना उठाए उसे उतनी पड़े
किस बात का गुमान भला करे इंसान
जब जाने ना बनाने वाला कौन है
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
(ये दुनिया पतंग, नित बदले ये रंग)
(कोई जाने ना उड़ाने वाला कौन है)
Written by: Chitragupta, Rajendra Krishan

