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Crédits
INTERPRÉTATION
Vishal Mishra
Chant
Ishan Das
Guitare
Jigar Saraiya
Chant
Pratiksha Kale
Chœurs
Rana Majumdar
Chœurs
Sachin Sanghvi
Chant
Sahil Vishwakarma
Programmation
Shruti Dhasmana
Chœurs
Sumonto Mukherjee
Chœurs
Tapas Roy
Cordes
COMPOSITION ET PAROLES
Amitabh Bhattacharya
Paroles
Jigar Saraiya
Composition
Sachin Sanghvi
Composition
PRODUCTION ET INGÉNIERIE
Eric Pillai
Ingénierie de mastérisation
Michael Edwin Pillai
Assistance d’ingénierie de mixage
Romil Ved
Production
Sachin-Jigar
Production
Swar Mehta
Ingénierie de prise de son
Paroles
जो देखे एक बार को, पलट के बार-बार वो
ख़ुदा जाने, क्यूँ तुझे देखने लगता है
सच बोलूँ, ईमान से, ख़बर है आसमान से
हैरत में चाँद भी तुझको तकता है
कि कोई इतना ख़ूबसूरत, कोई इतना ख़ूबसूरत
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है?
कि कोई इतना ख़ूबसूरत, कोई इतना ख़ूबसूरत
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है?
ख़ूबसूरती पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया
मुस्कुरा के देखा तूने, दीवाने पर एहसान किया
ख़ूबसूरती पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया
मुस्कुरा के देखा तूने, दीवाने पर एहसान किया
हाँ, कोई इतना ख़ूबसूरत, कोई इतना ख़ूबसूरत
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है?
धूप भी तेरे रूप के (सोने पे क़ुर्बान हुई है)
तेरी रंगत पे ख़ुद (होली की रुत हैरान हुई है)
तुझको चलते देखा...
तुझको चलते देखा तब (हिरनों ने सीखा चलना)
तुझे ही सुन के कोयल को सुर की पहचान हुई है
तुझसे दिल लगाए जो, उर्दू ना भी आए तो
शख़्स वो शायरी करने लगता है
कि कोई इतना ख़ूबसूरत, कोई इतना ख़ूबसूरत
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है?
कोई इतना ख़ूबसूरत, कोई इतना ख़ूबसूरत
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है?
ख़ूबसूरती पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया
मुस्कुरा के देखा तूने, दीवाने पर एहसान किया
कोई इतना ख़ूबसूरत (ख़ूबसूरती पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया)
कोई इतना ख़ूबसूरत (मुस्कुरा के देखा तूने, दीवाने पर एहसान किया)
कोई इतना, कोई इतना (ख़ूबसूरती पर तेरी)
कोई इतना, कोई इतना (ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया)
कोई इतना ख़ूबसूरत कैसे हो सकता है? (मुस्कुरा के देखा तूने...)
Written by: Amitabh Bhattacharya, Sachin-Jigar


