गाने
ये बहार, ये समाँ, ये झूमती जवानियाँ
ये बहार, ये समाँ, ये झूमती जवानियाँ
देखिए किधर-किधर, जाइए कहाँ-कहाँ
ये बहार, ये समाँ...
बहक रही है इस तरह हुस्न इश्क़ की नज़र
चला है राह भूल के कैसे कोई बेख़बर
मस्तियों में डूबती लो चली है ज़िंदगी
खो गया है प्यार के ख़ाब में जहाँ
ये बहार, ये समाँ, ये झूमती जवानियाँ
देखिए किधर-किधर, जाइए कहाँ-कहाँ
ये बहार, ये समाँ...
देख, ऐसा वक़्त फिर मिले ना ज़िंदगानी में
गोरी-गोरी बाँहों ने लगा दी आग पानी में
किसने रंग घोला है? मौज एक शोला है
जल रहे हैं आज ये ज़मीन-ओ-आसमाँ
ये बहार, ये समाँ, ये झूमती जवानियाँ
देखिए किधर-किधर, जाइए कहाँ-कहाँ
ये बहार, ये समाँ...
Written by: Ravi, S. H. Bihari