गाने
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
अपना मुझे बनाएगा, दिल में मुझे बसाएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
कब से तन्हा घूम रहा हूँ दुनिया के वीराने में
ख़ाली जाम लिए बैठा हूँ कब से इस मय-ख़ाने में
कोई तो होगा मेरा साक़ी, कोई तो प्यास बुझाएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
किसी ने मेरा दिल ना देखा, ना दिल का पैग़ाम सुना
मुझको बस आवारा समझा, जिस ने मेरा नाम सुना
अब तक तो सब ने ठुकराया, कोई तो पास बिठाएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
कभी तो देगा सन्नाटे में प्यार-भरी आवाज़ कोई
कौन ये जाने, कब मिल जाए रस्ते में हमराज़ कोई
मेरे दिल का दर्द समझ कर दो आँसू तो बहाएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
अपना मुझे बनाएगा, दिल में मुझे बसाएगा
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, कोई ना कोई तो आएगा
कोई ना कोई तो आएगा
Written by: Madan Mohan, Rajinder Krishan

