गाने

ओ, निगाह-ए-मस्ताना, देख समाँ है सुहाना
तीर दिल पे चला के, हाँ, ज़रा झुक जाना, हो-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना (hmm-hmm) देख समाँ है सुहाना (hmm-hmm)
तीर दिल पे चला के (hmm-hmm) हाँ, ज़रा झुक जाना, हो-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना...
कोई देखे नशीली आँखें मल-मल के
दिल कैसे बने ना दीवाना
समाँ करे है इशारे जब जल जल के
कहो, क्या करे परवाना? ओ-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना (hmm-hmm) देख समाँ है सुहाना (hmm-hmm)
तीर दिल पे चला के (hmm-hmm) हाँ, ज़रा झुक जाना, हो-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना...
दामन ना बचाना मेरे हाथों से
अरमाँ के गले से लग जाना
जले चाँद सितारे जिन बातों से
सुन जा वही अफ़साना
ओ, निगाह-ए-मस्ताना (hmm-hmm) देख समाँ है सुहाना (hmm-hmm)
तीर दिल पे चला के (hmm-hmm) हाँ, ज़रा झुक जाना, हो-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना...
बस्ती के दीयों को बुझ जाने दे
लहरा के ना रुक-रुक जाना
चाहत का लबों पे नाम आने दे
यही प्यार का है ज़माना
बस्ती के दीयों को बुझ जाने दे
लहरा के ना रुक-रुक जाना
चाहत का लबों पे नाम आने दे
यही प्यार का है ज़माना, ओ-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना (hmm-hmm) देख समाँ है सुहाना (hmm-hmm)
तीर दिल पे चला के (hmm-hmm) हाँ, ज़रा झुक जाना, हो-हो
ओ, निगाह-ए-मस्ताना...
Written by: Majrooh Sultanpuri, S.D. Burman
instagramSharePathic_arrow_out

Loading...