Dari

PERFORMING ARTISTS
Shabbir Kumar
Shabbir Kumar
Performer
Anuradha Paudwal
Anuradha Paudwal
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Javed Akhtar
Javed Akhtar
Lyrics

Lirik

ना मांगे सोना चांदी
हम मांगे माफी दीदी
लो पकड़े हम कान रे
हु-हु-हु-हु-हु
ना मांगे सोना चांदी
हम मांगे माफी दीदी
लो पकड़े हम कान रे
हु-हु-हु-हु-हु
बॉल हमारी है हमको प्यारी
बॉल हमारी है हमको प्यारी
दे-दे-दे-दे-दे, दे-दे-दीदी
फुटबॉल वापस हमें
दे-दे-दे-दे-दे, दे-दे-दीदी
फुटबॉल वापस हमें
फुटबॉल वापस हमें
फुटबॉल वापस हमें
करते हो तंग मुझे
शाम सवेरे
आज पड़ो चाहे
पैर भी मेरे
फुटबॉल मैं ना दूंगी
फुटबॉल मैं ना दूंगी
करते हो तंग मुझे
शाम सवेरे
आज पड़ो चाहे
पैर भी मेरे
फुटबॉल मैं ना दूंगी
फुटबॉल मैं ना दूंगी
करते हो तंग मुझे
शाम सवेरे
सॉरी दीदी अब हम
नहीं करेंगे शोर
(सोर नहीं बाबा शोर, शोर, शोर)
सॉरी दीदी अब हम
नहीं करेंगे शोर
लेकिन बच्चे ना खेले तोह
हो जाएंगे बोर
सॉरी दीदी अब हम
नहीं करेंगे शोर
सॉरी दीदी अब हम
नहीं करेंगे शोर
लेकिन बच्चे ना खेले तोह
हो जाएंगे बोर
लेकिन बच्चे ना खेले तोह
हो जाएंगे बोर
ऊ-ऊ, ऊ-ऊ-ऊ
Na-na-na-na-na, ja re ja, ja re ja
बेकार का ड्रामा है
झूठी ये कहानी है
लड़की तू भी कुछ कम नहीं
इन सबकी तू नानी है
बेकार का ड्रामा है
झूठी ये कहानी है
तेरा मेरे बच्चो से
ओये-ओये
तेरा मेरे बच्चो से
कैसा है ये झगड़ा पुराना
कैसा है ये झगड़ा पुराना
लफड़ा है ये क्या, मुझको बताना
लफड़ा है ये क्या, मुझको बताना
तेरा मेरे बच्चो से
कैसा है ये झगड़ा पुराना
कैसा है ये झगड़ा पुराना
कैसा है ये झगड़ा पुराना
टोपी वाले बॉल दिला
टोपी वाले बॉल दिला
जाने क्यूं ये दीदी है खफा
हमारी बॉल दिला, आ-आ
टोपी वाले बॉल दिला
जाने क्यूं ये दीदी है खफा
हमारी बॉल दिला, आ-आ
टोपी वाले, टोपी वाले, टोपी वाले
मेरा नाम है कैलेंडर
क्या है
मेरा नाम है कैलेंडर
मैं तो चला किचन के अंदर
बॉल मांगो भैया
हाथ ज़रा जोड़ के
बॉल मांगो भैया
हाथ ज़रा जोड़ के
मेरा नाम है कैलेंडर
मैं तो चला किचन के अंदर
बॉल मांगो भैया
हाथ ज़रा जोड़ के
बॉल मांगो भैया
हाथ ज़रा जोड़ के
हो खिलौना मेरे बच्चो का
भला क्यूं छिन लेती हो
Oo-oo
खिलौना मेरे बच्चो का
भला क्यूं छिन लेती हो
दुआएं देंगे ये तुमको
अगर तुम बॉल देती हो
Oo-oo
खिलौना मेरे बच्चो का
भला क्यूं छिन लेती हो
दुआएं ले नहीं सकती
मैं इन बदमाश बच्चों से
कि मुझको दूर ही रखो
समझ के ऐसे कच्चो से
रोज़ ये शोर करे
कभी आउटडोर करे
कभी इनडोर करे
और अब रो के मुझे बोर करे
Allah
झूठे हैं तेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
क्यूं कोस्ती हो इनको भला
है दिल के बड़े सच्चे
बच्चे मेरे बच्चे
बच्चे मेरे बच्चे
बच्चे मेरे बच्चे
बच्चे मेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
बच्चे मेरे बच्चे
बच्चे तेरे बच्चे
हाँ बच्चे मेरे बच्चे
तेरे बच्चे
मेरे बच्चे
तेरे बच्चे
मेरे बच्चे
तेरे
Mere
तेरे
Mere
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तेरे (दीदी)
मेरे (भैया)
तो बोलो ॐ
शांति ओम
शांति शांति ओम
ओम शांति ओम
शांति शांति ओम
तो बोलो ॐ
शांति ओम
Om
शांति शांति ओम
ओम शांति ओम
शांति शांति ओम
तो बोलो
ओम शांति ओम
शांति शांति ओम
Ha-aa
Written by: Javed Akhtar, Laxmikant-Pyarelal
instagramSharePathic_arrow_out

Loading...