Lirik
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता?
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता?
सब कुछ तो है, क्या ढूँढती रहती हैं निगाहें?
सब कुछ तो है, क्या ढूँढती रहती हैं निगाहें?
क्या बात है, मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता?
क्या बात है, मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में
जो दूर है वो दिल से उतर क्यूँ नहीं जाता?
जो दूर है वो दिल से उतर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता?
मैं अपनी ही उलझी हुईं राहों का तमाशा
मैं अपनी ही उलझी हुईं राहों का तमाशा
जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यूँ नहीं जाता?
जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
वो नाम जो बरसों से ना चेहरा, ना बदन है
वो नाम जो बरसों से ना चेहरा, ना बदन है
वो ख़्वाब अगर है तो बिखर क्यूँ नहीं जाता?
वो ख़्वाब अगर है तो बिखर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
बेनाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता?
जो बीत गया है वो गुज़र क्यूँ नहीं जाता?
Written by: Lalit Sen, Nida Fazli