Lirik
[Verse 1]
कांता बाई मेरे कमरे में चुपके-चुपके आयी
मैं तोह कर रहा था पढ़ाई
क्यों आयी, क्यों आयी?
[Verse 2]
कांता बाई मेरे कमरे में चुपके-चुपके आयी
मैं तोह कर रहा था पढ़ाई
क्यूं आई, क्यूं आई? बिना बोले
[Verse 3]
इलू-इलू केंदी, मॉडल टाउनच रेंदी
केंदी, मरजानेया चलादे ना ए.सी, बहुत गर्मी पेंदी
बिट्टू की केंदी ? ओह, तेरी बहन दी!
मम्मा, इलू-इलू केंदी
केंदी दिन शनिवार दा, दिल वाजा मारदा
दही-भल्ला खाऊंगी, मंगल बाज़ार दा
मंगल बाज़ार से होके जाना सेक्टर चार में
जित्थे रहंदी ऐ सहेली मेरी शारदा
हा-हा-हा, पता है फिर कि केंदी?
[Verse 4]
केंदी, ज़ालिमा कोका-कोला पिलादे, पिलादे-पिलादे
ओहदे नेक नी लगे इरादे, इरादे-इरादे
मैनू केंदी तेरा नंबर दे
मज़े ले इश्क समंदर दे
इधर-उधर ना देख तू बिजली गिरादे मेरी कम्मर पे
कहती संग में सो जाते हैं बेबी मुझको नींद है आई
[Verse 5]
कांता बाई मेरे कमरे में चुपके-चुपके आयी
कहती पकड़ो ना कलाई
क्यूं आई, क्यूं आई? बिना बोले
[Verse 6]
बंदा मैं सीधा-साधा हूं
किसी को भी ना मैं सताता हूं
सुंदर लड़की जो पूछे, खुदको सिंगल ही मैं बताता हूं
क्योंकि सिंगल रहते-रहते मैंने जिंगल बेल बजाई
[Verse 7]
कांता बाई मेरे कमरे में येही देखने आई
कैसे होती है पढ़ाई
क्यूं आई, क्यूं आई? बिना बोले
[Verse 8]
कांता बाई मेरे कमरे में बिकिनी पहन के आई
ज़रा भी ना शर्माई
आज रात को पक्का टूटेगी चारपाई, भाई
Written by: Tony Kakkar

