Dari
COMPOSITION & LYRICS
Madhulal D Master
Composer
Munsi Zaakir Hussain
Lyrics
Lirik
प्रेम की प्यारी निशानी जाग रही
सर पे बादल आज
रुक मुसाफ़िर, आँसुओं की...
रुक मुसाफ़िर, आँसुओं की भेंट चढ़ाने आज
सर पे बादल आज
आहें...
आहें तुम्हारी हैं, शाहजहाँ रख गई ये प्रेम का निशान
मौत जीत के तुम्हीं बसाए यहाँ प्रेम का राग
ताजमहल मेरे साज, ताजमहल मेरे साज
प्रेम की रानी कहाँ मुमताज
पिया के अभिमान
तुम्हरी याद कर-कर रोए...
तुम्हरी याद कर-कर रोए प्यारा हिंदुस्तान
आँसू बहावे आज
जमुना, जमुना, जमुना
चमेली, कुसुम रोए अपना
चमेली, चमेली, चमेली
चमेली, कुसुम रोए अपना
बुझ गई समाँ महफ़िल की
पड़े रह गए साज़
ताजमहल, मेरे ताज
ताजमहल, मेरे ताज
Written by: Madhulal D Master, Munsi Zaakir Hussain

