Dari
PERFORMING ARTISTS
Kumar Sanu
Performer
Sunidhi Chauhan
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Vishal Dadlani
Lyrics
Irshad Kamil
Lyrics
Lirik
जिस्म तो सिर्फ एक बहाना हैं
रूह तक साथ साथ जाना हैं
हाथ जबसे हैं तेरा हाथों में
मेरे हाथों में ये ज़माना हैं
लो शुरू अब चाहतो का
सिलसिला हो रहा है
मीट रही है दूरिया
और फ़सला खो रहा है
हो रही है बात
कुछ ऐसी जिसमें
हो रही है बात
कुछ ऐसी जिसमें
शब्द गुम है
अर्थ मतलब
चुपके से खो रहा है
लो शुरू अब चाहतों का
सिलसिला हो रहा है
मीट रही है दूरिया
और फ़सला खो रहा है
रुत ना पहले थी कभी इतनी जवा
थोड़ा नया सा लग रहा है ये जहां
आएगा और भी ऐसा ही समा
आएगा और भी ऐसा ही समा
हा हमेशा दो दिलो को
प्यारा सा जो रहा है
लो शुरू अब चाहतों का
सिलसिला हो रहा है
मीट रही है दूरिया
और फ़सला खो रहा है
दिल ये चाहे टूटकर चाहूँ तुम्हें
दे दो इजाजत टूटने की तुम हमे
दिल ये चाहे टूटकर चाहू तुम्हें
दे दो इजाजत टूटने की तुम हमे
चुन के रख लो चाहतों के ये लम्हे
चुन के रख लो चाहतों के ये लम्हे
यूँ संभाल कर थम लो पल
देखो वो खो रहा है
लो शुरू अब चाहतो का
सिलसिला हो रहा है
मीट रही है दूरिया
और फ़सला खो रहा है
हो रही है बात
कुछ ऐसी जिसमें
हो रही है बात
कुछ ऐसी जिसमें
शब्द गुम है
अर्थ मतलब
चुपके से खो रहा है
Written by: Irshad Kamil, Vishal Dadlani

