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बम-बम भोला
बम-बम भोला
बम-बम भोला
बम-बम भोला
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, जब शिव बाबा करे तैयारी
कइके सकल सामान, हो
दाहिने अँग त्रिशूल विराजे
नाचे भूत, शैतान, हो
ब्रह्मा चले, विष्णु चले
लइके वेद, पुरान, हो
शंख, चक्र और गदा, धनुष
लई चले श्री भगवान, हो
और बन-ठन के चले बम भोला
लिले भाँग, धातुर का गोला
बोले जे हर-दम
चले लड़का पराए के
भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, माता मत दिन पर चंचल ली
तिलक दलि लिलार, हो
काला नाग गर्दन के नीचे
वोहूँ दिलन फुँकार, हो
लोटा फेंक के भाग चलैली
ताविज निखल लिलार, हो
इनके संगी विवाह ना करबो
गौरी रही कुँवारी, हो
कहे पार्वती, समझाई
"बतिया मानो हमरो माई", जय भराइल हँ
हम करमवा लिखाइ के
भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय (स्वाहा)
ॐ नमः शिवाय (स्वाहा)
ॐ नमः शिवाय (स्वाहा)
ओ, जब शिव बाबा मड़वा गइले
होला मंगलाचार, हो
बाबा पंडित वेद विचारे
होला गुस्सा चार, हो
बजर बिछी की लगी झालरी
नागिन की अधिकार, हो
बिज मड़वा में नाव ना अइली
करे ठंकन बड़ियार, हो
ए गो नागिन देहलन विदाई
नाउन जिवले चले पराई
सब हँसै लागेला
देवता ठठाय के
भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
तो कोमल रूप धरे शिव शंकर
खुशी भये नर-नारी, हो
राजही नाचन-गान कराइले
इज्जत रहे हमार, हो
रहे वर साथी शिव शंकर से
केहू के ना पावल पार, हो
इनके जटा से गंगा बहेली
महिमा अगम अपार, हो
जय शिव शकर ध्यान लगाए
इनके तीनों लोक दिखाए
कहे दुख हरण यही
बनो बनवाए के
भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
ओ, शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाए के, भभूती लगाए के, पालकी सजाए के, ना
Written by: S.D. Burman, Shailendra


