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देख लिया मैंने
क़िस्मत का तमाशा देख लिया
इक आग बुझी, इक आग लगी
आँखों ने मेरी क्या देख लिया
देख लिया मैंने
देख लिया मैंने
साजन, तेरा वादा देख लिया
रस्ते पे हूँ मैं, मंज़िल पे है तू
ये प्यार का नाता देख लिया
देख लिया मैंने
आया मैं किसी की महफ़िल में, महफ़िल में
तूफ़ान लिए लाखों दिल में
मिलकर भी रहा मैं मुश्किल में
मिलने का नतीजा देख लिया
इक आग बुझी, इक आग लगी
आँखों ने मेरी क्या देख लिया
देख लिया मैंने
छुपते ही तेरे, ओ, चाँद मेरे, ओ, चाँद मेरे
सूरज भी ना निकला आँगन में
फिर ग़म की अँधेरी रात हुई
दो दिन का उजाला देख लिया
रस्ते पे हूँ मैं, मंज़िल पे है तू
ये प्यार का नाता देख लिया
देख लिया मैंने
देख लिया मैंने
साजन, तेरा वादा देख लिया
देख लिया मैंने
क़िस्मत का तमाशा देख लिया
Written by: Naushad, Shakeel Badayuni
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