クレジット
PERFORMING ARTISTS
Kishore Kumar
Lead Vocals
Asha Bhosle
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Bappi Lahiri
Composer
Anjaan
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
Bappi Lahiri
Producer
歌詞
अरे, अरे, अरे, ना-ना-ना-ना-ना-ना-ना-ना
कई साल पहले की बात है
अचानक hall में, theatre में stampede हो गया
पता नहीं क्या हुआ, भगदड़ मची
लोग इधर से उधर भागने लगे
और मैं घबरा गई, और मैं चिल्लाने लगी
"अरे, मुझे बचाओ, अरे, कोई मुझे बचाओ
मैं चल नहीं सकती, मैं उठ नहीं सकती
मैं wheelchair पे बैठी हूँ, मुझे बचाओ"
किसी ने मेरी कोई आवाज़ नहीं सुनी
अचानक कहीं से मैंने देखा
कि किसी ने आ के मेरे कंधों पे हाथ रखा
और मेरी wheelchair को ले जा के
एक महफ़ूज़, safe जगह पे रख दिया
मैंने पलट के देखा तो वो Amit जी थे
मसीहा बन के आ गए थे मेरे लिए
और उस वक़्त मुझे इस बात का एहसास हुआ
कि इन्हें जो इज़्ज़त, दौलत, शोहरत
और ऊँचा मक़ाम मिला है, ऐसे ही नहीं मिला
आज रपट जाएँ तो हमें ना उठाइयो
आज फिसल जाएँ तो हमें ना उठाइयो
हमें जो उठाइयो तो...
हमें जो उठाइयो तो ख़ुद भी रपट जाइयो
हाँ, ख़ुद भी फिसल जाइयो
आज रपट...
आहा, आज रपट जाएँ तो हमें ना उठाइयो
बरसात में थी कहाँ बात ऐसी
पहली बार बरसी बरसात ऐसी
बरसात में थी कहाँ बात ऐसी
पहली बार बरसी बरसात ऐसी
कैसी ये हवा चली (ha!)
पानी में आग लगी (ha!)
जाने क्या प्यास जगी रे
भीगा ये तेरा बदन (ha!)
जगाए मीठी चुभन (ha!)
नशे में झूमे ये मन रे
कहाँ हूँ मैं? मुझे भी ये होश नहीं, यार
आहा, ओहो, आहा, ओहो
आज बहक जाएँ तो होश ना दिलाइयो
आज बहक जाएँ तो होश ना दिलाइयो
होश जो दिलाइयो तो...
होश जो दिलाइयो तो ख़ुद भी बहक जाइयो
आज रपट...
आहा, आज रपट जाएँ तो हमें ना उठाइयो
बादल में बिजली बार-बार चमकी
दिल में मेरे आज पहली बार चमकी
बादल में बिजली बार-बार चमकी
दिल में मेरे आज पहली बार चमकी
हसीना डरी-डरी (ha!)
बाँहों में सिमट गई (ha!)
सीने से लिपट गई रे
तुझे तो आया मज़ा (ha!)
तुझे तो सूझी हँसी (ha!)
मेरी तो जान फँसी रे
जान-ए-जिगर, किधर चली नज़र चुरा के?
आहा, ओहो, आहा, ओहो
बात उलझ जाए तो आज ना सुलझाइयो
बात उलझ जाए तो आज ना सुलझाइयो
बात जो सुलझाइयो तो...
बात जो सुलझाइयो तो ख़ुद भी उलझ जाइयो
आज रपट...
आहा, आज रपट जाएँ तो हमें ना उठाइयो
बादल से छम-छम शराब बरसे
साँवरी घटा से शबाब बरसे
बादल से छम-छम शराब बरसे
हो, साँवरी घटा से शबाब बरसे
बूँदों की बजी पायल (ha!)
घटा ने छेड़ी ग़ज़ल (ha!)
ये रात गई मचल रे
दिलों के राज़ खुले (ha!)
फ़िज़ा में रंग घुले (ha!)
जवाँ दिल खुल के मिले रे
होना था जो, हुआ वही, अब डरना क्या?
आहा, ओहो, आहा, ओहो
आज डूब जाएँ तो हमें ना बचाइयो
आज डूब जाएँ तो हमें ना बचाइयो
हमें जो बचाइयो तो...
हमें जो बचाइयो तो ख़ुद भी डूब जाइयो
आज रपट...
आहा, आज रपट जाएँ तो हमें ना उठाइयो
आज फिसल जाएँ तो हमें ना उठाइयो
आहा (ओहो), आहा (ओहो)
Written by: Anjaan, Bappi Lahiri

