가사
एक-दूजे पे मरते थे
हम प्यार की बातें करते थे
ख़्वाबों में खोए रहते थे
बाँहों में सोए रहते थे
हम आशिक़ थे, दीवाने थे
इस दुनिया से बेगाने थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
कहते थे, कुछ सुनते थे
हम फूल वफ़ा के चुनते थे
कभी हँसते थे, कभी रोते थे
हम यार जुदा जब होते थे
हमें सब कुछ अच्छा लगता था
अफ़साना सच्चा लगता था
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
तनहाई में जब मिलते थे
दिल में हलचल सी होती थी
हम दोनों जागते रहते थे
जब सारी दुनिया सोती थी
जब याद तुम्हारी आती थी
चाहत के नग़्मे गाते थे
बेचैन दीवानी धड़कन को
बहलाते थे, समझाते थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
एक-दूजे पे मरते थे
हम प्यार की बातें करते थे
ख़्वाबों में खोए रहते थे
बाँहों में सोए रहते थे
हम आशिक़ थे, दीवाने थे
इस दुनिया से बेगाने थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
ये उन दिनों की बात है
जब हम पागल-पागल फिरते थे
फिरते थे
फिरते थे
Written by: Nadeem - Shravan, Nadeem Saifi, Sameer, Shravan Rathod


