Kredyty

PERFORMING ARTISTS
Raghubir Yadav
Raghubir Yadav
Actor
Bhadwai Village Mandali
Bhadwai Village Mandali
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Bhadwai Village Mandali
Bhadwai Village Mandali
Composer

Tekst Utworu

सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सखी
हर महीना उछले petrol, diesel का उछला है role
शक्कर भाई के का बोल
हर महीना उछले petrol, diesel का उछला है role
शक्कर भाई के का बोल
रे, उषा बासमती धान मरी जात है
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सोयाबिन का, का बेहाल? गर्मी से पिचके हैं गाल
घिर गए पत्ते, पक गए बाल
अरे, सोयाबिन का, का बेहाल? गर्मी से पिचके हैं गाल
घिर गए पत्ते, पक गए बाल
और मक्का जीजी भी खाए गई मात है
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
अरे, कद्दू की हो गई भरमार, ककड़ी ने कर गई हाहाकार
मटर जी तो लगो तुषार
अरे, कद्दू की हो गई भरमार, ककड़ी ने कर गई हाहाकार
मटर भी तो लगो तुसार
और आगे का कहूँ? कही नहीं जात है
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
हे, सैयाँ, हे, सैयाँ रे
हे, सैयाँ रे, सैयाँ रे
मोरे सैयाँ, रे-रे, सैयाँ जी मोर खूब कमावे
सैयाँ जी, सैयाँ जी मोर, सयाँ रे
अरे, कमा-कमा के मर गए, सैयाँ
(कमा-कमा के मर गए, सैयाँ)
पहले तगड़े-तगड़े थे अब दुबले-पतले हो गए, सैयाँ
(दुबले-पतले हो गए, सैयाँ)
(दुबले-पतले हो गए, सैयाँ)
मोटे सैयाँ, पतले सैयाँ
(कमा-कमा के मर गए, सैयाँ)
(मोटे सैयाँ, पतले सैयाँ)
अरे, सैयाँ मर गए हमारे खिसियाए के
मँहगाई डायन मारे जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं
मँहगाई डायन खाए जात है
(सखी, सैयाँ, तो खूबई कमात हैं)
(मँहगाई डायन खाए जात है)
मँहगाई डायन खाए जात है (वाह-वाह!)
(वाह-वाह! वाह बुधिया! वाह)
जय भैया, जय
Written by: Bhadwai Village Mandali
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