Letra

काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती खोया खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नही हर पल हर लम्हा मैं कैसे सेहता हूँ हर पल हर लम्हा मैं खुद से ये कहता रेहता हूँ आज खामोशियों से आ रही है सदा धड़कने हैं दीवानी दिल भी कुछ केह रहा है सुन ज़रा सोणिये सुन ज़रा सुन ज़रा सोणिये सुन ज़रा तेरी यादों में लिखे जो लफ्ज़ देते है सुनाई बीते लम्हे पूछते हैं क्यूँ हुए ऐसे जुदा खुदा खुदा मिला जो ये फासला है खुदा तेरा ही ये फ़ैसला है खुदा होना था वो हो गया जो तूने था लिखा खोया खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नही हर पल हर लम्हा मैं कैसे सेहता हूँ हर पल हर लम्हा मैं खुद से ये केहता रेहता हूँ सुन ज़रा सोणिये सुन ज़रा सुन ज़रा सोणिये सुन ज़रा आज खामोशियों से आ रही है सदा धड़कने हैं दीवानी दिल भी कुछ केह रहा है
Writer(s): Vishal Dadlani, Shekhar Ravjiani, Rakesh Kumar Pal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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