Créditos
INTERPRETAÇÃO
Kishore Kumar
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Rajesh Roshan
Composição
Letra
हश दे एक कश के मैं दूर चला जाऊँ
घूमते-घूमते मैं कहीं खो जाऊँ
हश दे एक कश के मैं दूर चला जाऊँ
घूमते-घूमते मैं कहीं खो जाऊँ
अब तो रात भी लगने लगी सुबह
सुबह पूछती है मेरे जीने की वजह
हश दे एक कश के मैं दूर चला जाऊँ
घूमते-घूमते मैं कहीं खो जाऊँ
कहना मुझको है, मैं तुझसे हूँ रूठा
मेरे मालिक, तू मुझको ले उठा
हश दे एक कश के मैं दूर चला जाऊँ
घूमते-घूमते मैं कहीं खो जाऊँ
हश दे एक कश के मैं दूर चला जाऊँ
घूमते-घूमते मैं कहीं खो जाऊँ
Written by: Rajesh Roshan