Vídeo da música

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Créditos

INTERPRETAÇÃO
Dikshant
Dikshant
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Pritam
Pritam
Composição
Irshad Kamil
Irshad Kamil
Letra

Letra

हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ, मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
Hmm, बैठे-बैठे ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले?
तू भी चले, मैं भी चलूँ, होंगे कम ये तभी फ़ासले (फ़ासले)
आओ, तेरा-मेरा ना हो किसी से वास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ, मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
आँखें खोले, नींदें बोले, "जाने कैसी जगी बेख़ुदी"
यहाँ-वहाँ, देखो, कहाँ ले के जाने लगी बेख़ुदी
आओ, मिल जाएगा होगा जहाँ पे रास्ता
आओ, मीलों चलें, जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ, मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
Written by: Irshad Kamil, Pritam
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