Créditos
INTERPRETAÇÃO
Lata Mangeshkar
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Anand Bakshi
Composição
Laxmikant-Pyarelal
Composição
Letra
अच्छा, नहीं? तो जाओ
जाओ, अरे, जाओ ना
जाते हो तो जाओ, पर इतना सुन लो
जाते हो तो जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
औरत की हिफ़ाज़त जो कर ना पाएँ
उस मर्द को क्या कहते हैं ये तो बताओ?
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
यूँ भी हमारा मुश्किल है गुज़ारा
यूँ भी हमारा मुश्किल है गुज़ारा
हमें ग़ुस्सा नहीं आता, तुम्हें प्यार नहीं आता
कहने को तो राजा बनते हो मर्द तुम
पर मुझको माफ़ करना, ऐतबार नहीं आता
मैं अबला, मैं नारी, खड़े सर पे शिकारी
तुम डर के दूर बैठे कितने अच्छे लगते हो
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
ये जग लूटेरा, छाया है अँधेरा
ये जग लूटेरा, छाया है अँधेरा
तुम घर से क्यूँ निकले? तुम्हें घर में रहना था
घबराने लगे क्यूँ? शरमाने लगे क्यूँ?
तुम ऐसे शर्म वाले होते तो क्या कहना था
हाथों से आँखें करते हो बंद क्यूँ? जी बंद क्यूँ? जी बंद क्यूँ?
ले लो मेरा दुपट्टा, इसका घुँघटा बना लो
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
मुश्किल बड़ी है, तुमको क्या पड़ी है?
मुश्किल बड़ी है, तुमको क्या पड़ी है?
तुम जाओ, थोड़ी देर में कुछ लोग आएँगे
कल सुबह ख़बर ये अख़बारों में पढ़ना
वो तुम्हारी रानी को उठा ले जाएँगे
सुनते हो, राजा, Raju की जगह तुम
अच्छा सा कोई नाम किसी लड़की का रख लो
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
औरत की हिफ़ाज़त जो कर ना पाएँ
उस मर्द को क्या कहते हैं ये तो बताओ?
जाओ जी, जाओ, पर इतना सुन लो
थोड़ी चूड़ियाँ पहन लो, एक घघरा सिलवा लो
Written by: Anand Bakshi, Laxmikant-Pyarelal