Créditos
INTERPRETAÇÃO
Anup Jalota
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Anup Jalota
Composição
Letra
इतना तो करना स्वामी
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी
जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेके
तब प्राण तन से निकले
श्री गंगा जी का तट हो
यमुना का वंशीवट हो
श्री गंगा जी का तट हो
यमुना का वंशीवट हो
मेरा सांवरा निकट हो
जब प्राण तन से निकले
पीताम्बरी कसी हो
छवि मन में ये बसी हो
पीताम्बरी कसी हो
छवि मन में ये बसी हो
होठों पे कुछ हसी हो
जब प्राण तन से निकले
जब कंठ प्राण आये
कोई रोग ना सताये
जब कंठ प्राण आये
कोई रोग ना सताये
यम दर्श ना दिखाए
जब प्राण तन से निकले
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधे को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
एक भक्त की है अर्जी
खुदगर्ज की है गरजी
एक भक्त की है अर्जी
खुदगर्ज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी
जब प्राण तन से निकले
Written by: Anup Jalota

