Vídeo de música
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Créditos
PERFORMING ARTISTS
Pankaj Udhas
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Anand Bakshi
Lyrics
Letra
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है
वतन से चिट्ठी आयी है
बड़े दिनों के बाद
हम बेवतनों को याद
बड़े दिनों के बाद
हम बेवतनों को याद
वतन की मिट्टी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है
वतन से चिट्ठी आयी है
ऊपर मेरा नाम लिखा हैं
अंदर ये पैगाम लिखा हैं
ओ परदेस को जाने वाले
लौट के फिर ना आने वाले
सात समुंदर पार गया तू
हमको ज़िंदा मार गया तू
खून के रिश्ते तोड़ गया तू
आँख में आँसू छोड़ गया तू
कम खाते हैं कम सोते हैं
बहुत ज़्यादा हम रोते हैं
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है
वतन से चिट्ठी आयी है
सूनी हो गईं शहर की गलियाँ
कांटे बन गईं बाग की कलियाँ
कहते हैं सावन के झूले
भूल गया तू हम नहीं भूले
तेरे बिन जब आई दीवाली
दीप नहीं दिल जले हैं खाली
तेरे बिन जब आई होली
पिचकारी से छूटी गोली
पीपल सूना पनघट सूना
घर शमशान का बना नमूना
फ़सल कटी आई बैसाखी
तेरा आना रह गया बाकी
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है
वतन से चिट्ठी आयी है
पहले जब तू ख़त लिखता था
कागज़ में चेहरा दिखता था
बंद हुआ ये मेल भी अब तो
खतम हुआ ये खेल भी अब तो
डोली में जब बैठी बहना
रस्ता देख रहे थे नैना
मैं तो बाप हूँ मेरा क्या है
तेरी माँ का हाल बुरा है
तेरी बीवी करती है सेवा
सूरत से लगती हैं बेवा
तूने पैसा बहुत कमाया
इस पैसे ने देश छुड़ाया
देश पराया छोड़ के आजा
पंछी पिंजरा तोड़ के आजा
देश पराया छोड़ के आजा
पंछी पिंजरा तोड़ के आजा
आजा उमर बहुत है छोटी
अपने घर में भी हैं रोटी
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
बड़े दिनों के बाद
हम बेवतनों को याद
वतन की मिट्टी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आयी है
बड़े दिनों के बाद(चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है)
हम बेवतनों को याद (वतन से चिट्ठी आयी है)
वतन की मिट्टी आई है
(चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है)
(चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आयी है)
Written by: Anand Bakshi, Laxmikant-Pyarelal