Créditos
PERFORMING ARTISTS
Talat Aziz
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Talat Aziz
Composer
Saeed Rahi
Lyrics
Letra
क़िस्से तेरी नज़र ने सुनाए ना फ़िर कभी
हमने भी दिल के दाग़ दिखाए ना फ़िर कभी
ऐ याद-ए-दोस्त, आज तू जी भर के दिल दुखा
शायद ये रात ही जबकि आए ना फ़िर कभी
इतना तो हुआ, ऐ दिल
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
बिछड़े हुए मिलते हैं
बिछड़े हुए मिलते हैं
कुछ दोस्त पुराने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक आग है जंगल की
रुसवाई का चर्चा भी
एक आग है जंगल की
रुसवाई का चर्चा भी
दुश्मन भी चले आए हैं
दुश्मन भी चले आए हैं
मिलने के बहाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
अब मेरा सफ़र तन्हा
अब उसकी जुदा मंज़िल
अब मेरा सफ़र तन्हा
अब उसकी जुदा मंज़िल
पूछो ना पता उसका
पूछो ना पता उसका
तुम मेरे ठिकाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
रोशन हुए वीराने
ख़ुश हो गई दुनिया भी
रोशन हुए वीराने
ख़ुश हो गई दुनिया भी
कुछ हम भी सुकूँ से हैं
कुछ हम भी सुकूँ से हैं
घर अपना जलाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
रुसवाई तो वैसे भी
तक़दीर है आशिक़ की
रुसवाई तो वैसे भी
तक़दीर है आशिक़ की
ज़िल्लत भी मिली हमको
ज़िल्लत भी मिली हमको
उलफ़त के फ़साने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
एक शख़्स के जाने से
इतना तो हुआ, ऐ दिल
Written by: Saeed Rahi, Talat Aziz

