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मोहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है
कि होती क्या है सूरत और क्या दिखलाई जाती है
मोहब्बत में कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है
कि होती क्या है सूरत और क्या दिखलाई जाती है
अब मैं जाती हूँ, (अजी, ये क्या कह रही आप?)
अभी और गाईए, (चुप रहो!)
भाईसाहब नाराज़ हो जाएँगे, और गाईए
हाँ, गाओ
ना मैं और नहीं गा सकती (गाओ)
आपको गाना पड़ेगा
नहीं गाऊँगी
चाहे कोई बंदूक दिखाए
चाहे कोई बंदूक दिखाए
चाहे कोई तलवार, करेंगे
हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
एक दिन मजनूँ लैला के घर आया अपना भेष बदल कर
होने ना पाई प्यार की बातें, क़िस्मत ने डाला एक चक्कर
आ गया उसका बाप मुछंदर, मोटा-ताज़ा मस्त कलंदर
आ गया उसका बाप मुछंदर, मोटा-ताज़ा मस्त कलंदर
पर मजनूँ भी था दिलवाला, बोला ये ललकार, करेंगे
हाय-हाय, करेंगे, होय-होय, करेंगे
हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
चाहे कोई बंदूक दिखाए
चाहे कोई तलवार, करेंगे
हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
जानने वाले जान रहे हैं, राज़ है क्या पहचान रहे हैं
दुनिया ना माने प्यार को, लेकिन मानने वाले मान रहे हैं
होते रहे आँखों में इशारे, ग़ैर भला क्या समझे बेचारे?
होते रहे आँखों में इशारे, ग़ैर भला क्या समझे बेचारे?
आज नहीं तो कल होंगे हम इनके रिश्तेदार, करेंगे
हाय-हाय, करेंगे, होय-होय, करेंगे
हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
चाहे कोई बंदूक दिखाए
चाहे कोई तलवार, करेंगे
करेंगे, हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
चाहे कोई बंदूक दिखाए
चाहे कोई तलवार, करेंगे
हम तो किसी से प्यार करेंगे
हम तो किसी से प्यार...
Written by: Prem Dhawan, Ravi
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