Lyrics
रूहानी सी ये बातें
कैसी है ये सौगातें
चल पडा हु अपनी राहों पर
तेरे हाथ की लकीरें थामें,
में कहु तू ना जाने,
लाखों है ये बहाने,
झगड़ते रहते है,
फिर भी कहते है,
ये दिल किसी की ना माने,
के दो दिल मिले थे अब यहाँ,
वो खो गए कहाँ
जज़्बातों की अलग दुनियां,
मत खेल तू यहाँ
जबसे चेहरा तेरा देखा,
बदलती शामे,
बदलता सवेरा,
अब पुछु क्यु तू नाराज़ है,
थामे हाथ फिर भी में अकेला
के दो दिल मिले थे अब यहाँ,
वो खो गए कहाँ
जज़्बातों की अलग दुनियां,
मत खेल तू यहाँ
के दो दिल मिले थे अब यहाँ,
वो खो गए कहाँ
जज़्बातों की अलग दुनियां,
मत खेल तू यहाँ
मिले है जबसे एक बात है,
मेरा मन तेरे साथ है,
अब तू ही तू क्या बात है
खो गए शामे रात है,
खो गए शामे रात है,
खो गए शामे रात है
Written by: Shubham Kabra


