Credits
PERFORMING ARTISTS
Vishal Mishra
Performer
Madhubanti Bagchi
Performer
Jackie Shroff
Actor
COMPOSITION & LYRICS
Anurag Saikia
Composer
Vijay Maurya
Lyrics
PRODUCTION & ENGINEERING
Anurag Saikia
Producer
Lyrics
ओ, क़िस्मत की छप्पर में छेद कितने सारे
उसमें छन के आते रोशनी के छोटे-छोटे तारें
चुनना है मन्नत के टूटने वाले तारे
जिस से पूरे होंगे मुट्ठी-भर अधूरे सपने सारे
एक तारा टिमटिमाया
इतनी भीड़ में मुझको पाया
एक तारा टिमटिमाया
इतनी भीड़ में मुझको पाया
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया)
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा
जिसकी बातों में लहक है, चिंगारी सी दहक है
सुलगती लगती माचिस बनके, भड़कती अकड़ में तन के
ये लौ जलती जब तलक है, साथ जलना तब तलक है
बाक़ी खोखली बातें, होने दो मुलाकातें
ओ, था पेड़ों में वो, उलझा मुझको मिलते ही
बनता है झूठा, सुलझा-सुलझा
एक तारा टिमटिमाया
इतनी भीड़ में तुझको पाया (तुझको पाया)
एक तारा टिमटिमाया
इतनी भीड़ में तुझको पाया
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया)
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा
मौसमों की तरह दुनिया, जहाँ
को भी बदलते पाया
खारे पानी की नमी ज़मीं पर
एक मुट्ठी उम्मीद का बीज फेंक आया
(मुझको पाया)
एक तारा टिमटिमाया
इतनी भीड़ में मुझको पाया
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा (मुझको पाया)
तारा-त-त-रा-रा, तारा-त-त-रा-रा
तारा-त-त-रा-रा, तारा
Written by: Anurag Saikia, Vijay Maurya

