Lyrics
जो रिश्तों में बंटती है
हर साँचें में ढलती है
हर रंगों में रहती है
ख़ुशबू सी बहती है
है दुनिया में जिसकी भागीदारी
वो है नारी वो है नारी वो है नारी
रख दे कदम जहां जहां
खिल जाये वो समाँ
ठान ले वो कुछ अगर
झुक जाए ये आसमाँ
होता है इनसे ही सुरू
जीवन का ये सफ़र
अपना घर छोड़ के
बनाये दूजा घर
हर ग़म वो सहती है
कुछ भी ना कहती है
मुस्किल हर राहों में
आगे ही रहती है
है रिश्तों की जिसपे जिम्मेदारी
वो है नारी वो है नारी वो है नारी
वो अबला है और सबला भी
वो शबरी है और दुर्गा भी
नेमत है वो हर घर की
ख्वाहिश है और सपना भी
फूलों सी कोमल है पत्थर जैसा भारी
वो है नारी वो है नारी वो है नारी
Written by: Abhijeet Mishra, Rajkumar Mahto

