Şarkı sözleri
२ आंखें १२ हाथ जिसका राग भैरवी में
लता मंगेशकर का ये भजन
देश के कोने-कोने में आज भी सुनाई देता है
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले
ताकी हसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ये अंधेरा घना छा रहा
तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र
सुख का सूरज छुपा जा रहा
हैं तेरी रोशनी में जो दम
तो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चले और बदी से टले
ताकी हसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
जब जुल्मों का हो सामना
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे हम भलाई भरे
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम
और मीटे बैर का ये भरम
नेकी पर चले और बदी से टले
ताकी हसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
Writer(s): Bharat Vyas, Vasant Shantaram Desai
Lyrics powered by www.musixmatch.com