Lyrics
क्यूँ चलती है पवन
क्यूँ झूमें है गगन
क्यूँ मचलता है मन
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ आती है बहार
क्यूँ लूटता है करार
क्यूँ होता है प्यार
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
ये मदहोशियाँ ये तन्हाईयाँ
तसव्वुर में है किसकी परछाइयां
ये भीगा समां उमंगें जवां
मुझे इश्क़ ले जा रहा है कहाँ
क्यूँ गुम है हर दिशा
क्यूँ होता है नशा
क्यूँ आता है मज़ा
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
धडकता भी है तड़पता भी है
ये दिल क्यूँ अचानक बहेकता भी है
महकता भी है चहकता भी है
ये दिल क्या वफा को समझता भी है
क्यूँ मिलती है नज़र
क्यूँ होता है असर
क्यूँ होती है सहर
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ चलती है पवन
क्यूँ झूमें है गगन
क्यूँ मचलता है मन
ना तुम जानो ना हम
क्यूँ आती है बहार
क्यूँ लूटता है करार
क्यूँ होता है प्यार
ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम
Writer(s): Rajesh Nagrath, Ibrahim Ashq
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