Credits
PERFORMING ARTISTS
E Sharp
Lead Vocals
COMPOSITION & LYRICS
Qamber Qazmi
Songwriter
Anwaar Ahmed
Songwriter
PRODUCTION & ENGINEERING
E Sharp
Engineer
Lyrics
घबरा गई है, शर्मा गई है मुझसे ज़िंदगी
कहती है मुझको ये बता रे
"क्यूं मुश्किलों में तू घिरा रे? फिर"
ठहरा गयी है, लंगड़ा रही है मेरी ये ज़िंदगी
इसको तू पैरों पे उठा ले
बिगड़ी को अपनी तू बना ले
क्या मैंने सोचा, क्या हुआ!
ज़िंदगी तो है, एक ज़ुआ
क्या मैंने मांगा, क्या मिला!
ऐसे कामों का है ये सिला
ख़ामोश आँखें करती हैं क्या बयां तुझको?
आँखों मे क्या लिखा है?
जीने का मक्सद मुझको दिखा है
फिर क्यूं तमाशा ही बनके सहे सबकुछ
ख़ामोशी में भी क्या रखा है?
क्या मैंने सोचा
क्या मैंने मांगा
Written by: Anwaar Ahmed, E Sharp, Qamber Qazmi

